A SIMPLE KEY FOR हिंदी प्रेरक कहानियाँ UNVEILED

A Simple Key For हिंदी प्रेरक कहानियाँ Unveiled

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लेकिन, फिर भी कुछ ऐसी बातें हैं जो सफल लोगों में आम होती हैं। यहाँ कुछ सफल लोगों की सफलता की कहानियाँ हैं, जिनसे आप प्रेरणा ले सकते हैं :-

एक दोपहर एक लोमड़ी जंगल से गुजर रही थी और एक उदात्त शाखा के ऊपर से अंगूरों का एक गुच्छा देखा।

जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाया तो कोई भी नहीं हंसा।

बेटी, विलाप और बेसब्री से इंतजार कर रही थी, सोच रही थी कि वह क्या कर रहा है। बीस मिनट के बाद वह बर्नर बंद कर दिया।

इसलिए हमें हिंसा को त्यागकर अहिंसा को अपनाना चाहिए और मांस का त्याग करना चाहिए.

थोड़ी दूर आगे चलने पर व्यक्ति को एक वृद्ध मिला जिसकी गाड़ी पूरी तरह कीचड़ में फस चुकी थी और उसका निकलना मुश्किल सा हो गया था, व्यक्ति की हिष्ट-पुष्ट शरीर को देखकर उस बुजुर्ग ने उसे आवाज लगाया, बेटा क्या तुम मेरे गाड़ी को कीचड़ से निकालने में मेरी मदद करोगे।

पंचतंत्र की कहानी: बूढ़ा आदमी और उसकी पत्नी

फिर मै तुम्हें जीवन के अत्यंत रहस्यों में से कुछ मोती चुन कर देता, फिर मै तुम्हें बताता की जीवन क्या है. जीवन का अर्थ व मतलब क्या है।क्योंकि जब तुम किसी की अच्छाइयों को छोड़कर उसके बुराइयों पर ध्यान देते हो या उसके विषय में चिंतन करते हो, तो जाने अनजाने ही सहीं परन्तु उन बुराइयों के कुछ हिस्से को अपने अंदर उतार लेते हो। 

आपको ये कहानी कैसी लगी हमे कमेन्ट मे जरूर बाताए !

एक समय की बात है, गुरूजी अपने शिष्यों को ज्ञान की बातें बता रहे थे, और उनकी समस्याओं और प्रश्नो का जवाब (हल) भी दे रहें थे। जब लगा की शिष्यों की शिक्षा पूरी हो गयी तब गुरूजी ने सभी शिष्यों से कहां – शिष्यों अगर click here आप के मन में अभी भी कोई शंका या प्रश्न हो तो मुझसे पूछ सकते हो। 

गुरूजी ने जवाब दिया की दुःख तो मुझे भी बहुत हुआ है शिष्य तुम्हारे इस सवाल से काश इन सवालों के जगह पर तुम ये पूछते – गुरूजी, चाँद में इतनी चांदनी क्यों है ? और दीपक में इतनी रोशनी क्यों है ? 

सबसे खूबसूरत बच्चा

मार-खाने के डर से गाँधी जी ने अपने माता-पिता से झूठ बोला कि कड़ा कही गिर गया है. किन्तु झूठ बोलने के कारण गाँधी जी का मन स्थिर नहीं हो पा रहा था.

“I were Performing at a newspaper for much more than 30 years when my life improve reared its head: I was ‘downsized.’ I went by really serious despair after that and it got to the point where I couldn’t rest, wasn’t exercising instead of minding what I ate. I made a decision to reevaluate my everyday living and what I felt most captivated with, which was acquiring nutritious. I’d wrestled with substantial blood pressure level and high cholesterol in past times.

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